Tuesday 15 September 2020

*पित्र ऋण से उऋण होनेके लिए तर्पण और श्राद्ध कब ?* 🕉️जीवन मे जो भी उन्नति या अवनति होती है उसमे कहीं न कहीं पितरों के आशीर्वाद और श्राप का प्रभाव होता है।☸ गया मे पिंडदान पितरों की संतुष्टि के लिए पितृ पक्ष के अलावा वर्ष मे अन्य दिनों मे भी श्राद्ध किया जा सकता है।इस बारे मे महाभारत और नारद पुराण मे बताए गये दिनों की गिनती करें तो कुछ 96 दिन ऐसे होते हैं जिनमें श्राद्ध किया जा सकता है।📿 इस प्रकार हर महीने 4 या 5 मौके आते ही हैं जिनमें पितरों की संतुष्टि के लिए तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोजन करवाया जा सकता है।*अमावस्या,**सूर्य संक्रांति,* *वैधृति और**व्यतिपात योग हैं।*इनके साथ ही अन्य पर्व और विशेष तिथियों पर पितृ कर्म किये जा सकते हैं।🔱कूर्म पुराण मे कहा गया है कि श्राद्ध करने के लिए आवश्यक वस्तुयें, ब्राह्मण और संपत्ति के मिल जाने पर समय और दिन से जुड़े नियमों पर बिना विचार किए किसी भी दिन श्राद्ध किया जा सकता है।🌞वराह पुराण मे भी यही कहा गया है कि सामग्री और पवित्र जगह मिल जाने पर श्राद्ध करने से उसका पूरा फल मिलता है।🍁इसी प्रकार महा भारत के अश्वमेधिक पर्व मे श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि जिस समय भी ब्राह्मण,गाय का दूध,दही,घी,कुशा,जौ, अक्षत,काले तिल,तुलसी,फूल,गंगा जल और अच्छा स्थान मिल जाए। उसी समय श्राद्ध कर देना चाहिये।🔥वर्ष की 12 अमावस्या -हर महीने की अमावस्या पर श्राद्ध कर सकते हैं।☸4 युगादि तिथियां - तिथि,🍁वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि।🍁भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तेरहवीं तिथि को श्राद्ध करने से पितृ संतुष्ट हो जाते हैं।🍁कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नौंवी तिथि।। 🍁माघ माह की अमावस्या।☸14 मन्वादि तिथियां- इनमे चैत्र,ज्येष्ठ,आषाढ़, कार्तिक,और फाल्गुन महीने की पूर्णिमा है।🍁चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि,🍁आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि,🍁श्रावण मास की अमावस्या पर भी श्राद्ध किया जा सकता है।। 🍁भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि,🍁भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आठवीं तिथि पर श्राद्ध कर सकते हैं।। 🍁अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नौवीं तिथि,🍁कार्तिक माह के शुक्लपक्ष की बारहवीं तिथि,🍁पौष माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि,🍁माघ मास के शुक्ल पक्ष की सातवीं तिथि।☸12* संक्रांति -हर महीने की 13 से 17 तारीख के बीच मे सूर्य राशि बदलता है।उसे संक्रांति कहते हैं।🕉️12* वैधृति योग- ग्रहों की स्थिति से हर महीने वैधृति योग बनता है।इस दिन श्राद्ध कर सकते हैं।☸12* व्यतिपात योग -विशेष नक्षत्र और वार से मिलकर ये योग बनता है।इस दिन भी पितरों के लिए श्राद्ध किया जाता है।☸15 महालय -श्राद्ध पक्ष हर वर्ष आश्विन महीने में कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से अमावस्या पितृ पक्ष मे श्राद्ध किए जाते हैं।!! ॐपितृभ्यो नमः !!

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